सब हमसे ही क्यों कहते, अब तुम अपने अंतर्मन के सूरज को जगाओ। सब हमसे ही क्यों कहते, अब तुम अपने अंतर्मन के सूरज को जगाओ।
और कुछ तुम कर न सको तो बस तिरंगे की आन बचा लेना उनके बलिदान का बदला तो सेना ले आएगी। और कुछ तुम कर न सको तो बस तिरंगे की आन बचा लेना उनके बलिदान का बदला तो सेना...
मोर पंख वाले तेरी लीला बड़ी अपरंपार करुँ तुझे बार बार प्रणाम। मोर पंख वाले तेरी लीला बड़ी अपरंपार करुँ तुझे बार बार प्रणाम।
जहां लड़की को पूजा जाता है, वहा कुछ लोग अपनी हवस पूरा करते हैं जहां लड़की को पूजा जाता है, वहा कुछ लोग अपनी हवस पूरा करते हैं
अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती हैं बेबाक औरतें बहुत ... अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती है...